
सितारगंज। पूजा मंडल की हत्या के आरोपी मुश्ताक के गौरीखेड़ा स्थित मकान पर प्रशासन ने सोमवार तड़के बुलडोजर चला दिया। कार्रवाई सुबह तीन बजे शुरू हुई और करीब चार घंटे तक दो जेसीबी मशीनों की मदद से पूरी की गई। इस दौरान गांव की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस का सख्त पहरा रहा। स्थानीय लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई।
जिस ज़मीन पर मुश्ताक का मकान बना था, वह अनुसूचित जनजाति (एसटी) के मथुरा प्रसाद पुत्र नारायण सिंह के नाम पर दर्ज है। मुश्ताक के पिता अली अहमद इस भूमि पर लंबे समय से अवैध कब्जा किए हुए थे।
रात के सन्नाटे में चला बुलडोजर, ग्रामीणों की टूटी नींद
जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया और एसएसपी मणिकांत मिश्रा के निर्देश पर प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की। जब जेसीबी की तेज आवाज गांव में गूंजी, तब तक ज्यादातर ग्रामीण गहरी नींद में थे। आवाज सुनकर लोग जागे और बाहर आना चाहा, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें घरों से बाहर नहीं निकलने दिया।
मकान के मलबे को हटाया गया, गांव में भारी पुलिस बल तैनात
प्रशासन ने मकान को ध्वस्त करने के बाद उसका मलबा तुरंत हटवा दिया। ग्रामीणों के अनुसार यह मकान दो कमरों, एक बरामदे, रसोई और स्नानघर वाला था, जिसे कुछ ही देर में गिरा दिया गया। मौके पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे।
हत्या कर शव नहर में फेंका था
थारू गौरीखेड़ा निवासी मुश्ताक पर पूजा मंडल (32), निवासी बंगाली कॉलोनी नानकमत्ता, की गला रेतकर हत्या करने का आरोप है। आरोप है कि हत्या के बाद उसने शव को खटीमा के पास अंडरपास काली पुलिया क्षेत्र में स्थित नदन्ना नहर में फेंक दिया था। पूजा की गुमशुदगी हरियाणा के गुरुग्राम सेक्टर-5 थाने में दर्ज कराई गई थी। बाद में हरियाणा पुलिस ने मुश्ताक को सितारगंज से गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर पूजा का सिर कटा शव, मोबाइल और हत्या में प्रयुक्त चाकू उसकी बहन के खटीमा स्थित घर से बरामद किया।
पीड़िता की बेटी के लिए मदद की गुहार
पूजा मंडल की बहन पुरमिला विश्वास ने राज्य सरकार और प्रशासन से मृतका की 13 वर्षीय बेटी मानवी मंडल के लिए आर्थिक सहायता की मांग की है। पुरमिला के मुताबिक पूजा ही मानवी की एकमात्र आश्रय थी। अब उसकी पढ़ाई, इलाज और भरण-पोषण की जिम्मेदारी निभाना मुश्किल होगा। उन्होंने बताया कि पूजा ने आरोपी मुश्ताक को सितारगंज में मकान खरीद कर दिया था और दो बाइक के साथ गौरीखेड़ा का मकान बनवाने में भी आर्थिक मदद की थी। उन्होंने मांग की कि पूजा द्वारा मुश्ताक के नाम खरीदी गई सारी संपत्ति मानवी के नाम की जाए।