• Dehradun
  • December 13, 2025
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नई दिल्ली / देहरादून, 19 नवंबर 2025-नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 44वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में रविवार को उत्तराखंड दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया।
उत्तराखंड पवेलियन में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में राज्य के लोक कलाकारों ने आकर्षक प्रस्तुति दी।
इस वर्ष मेले की थीम — “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” — रही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह व्यापार मेला उत्तराखंड की संस्कृति, हस्तशिल्प और समृद्ध विरासत को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने का महत्वपूर्ण मंच है। सांस्कृतिक संध्या के माध्यम से उत्तराखंड की लोक परंपराओं की जीवंत झलक देश-विदेश से आए दर्शकों के सामने प्रस्तुत हुई।

उत्तराखंड स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर “वन डिस्ट्रिक्ट, वन फेस्टिवल” को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई प्रेरणा के अनुरूप उत्तराखंड सरकार पारंपरिक मेलों और उत्सवों को “वन डिस्ट्रिक्ट, वन फेस्टिवल” के रूप में विकसित करने पर गंभीरता से कार्य कर रही है।
इस पहल से:

  • स्थानीय मेलों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगी

  • हस्तशिल्प और पारंपरिक उत्पादों को नया बाजार मिलेगा

  • पर्यटन और लोककला के अवसर बढ़ेंगे

“उत्तराखंड को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाना हमारा संकल्प” — मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे सभी क्षेत्रों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है।

उन्होंने बताया कि:

  • वोकल फॉर लोकल, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों से
    विकसित भारत—विकसित उत्तराखंड के सपने को साकार किया जा रहा है

  • केदारखंड और मानसखंड के धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है

  • हरिपुर कालसी में यमुनातीर्थ स्थल का पुनरुद्धार,
    हरिद्वार–ऋषिकेश कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर जैसे बड़े प्रोजेक्ट प्रगति पर हैं

राज्य के प्रवासी उत्तराखंडियों की संस्कृति से जुड़ाव की सराहना

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश-विदेश में बसे प्रवासी उत्तराखंडी आज भी अपनी संस्कृति से गहराई से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने विशेष रूप से राजस्थान के पवित्र तीर्थ पुष्कर में स्थानीय पर्वतीय समाज द्वारा निर्मित उत्तराखंड धर्मशाला आश्रम का लोकार्पण करने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

स्थानीय उत्पादों पर शुल्क माफ, 1 करोड़ का बिजनेस और बड़ी बुकिंग

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उत्तराखंड स्थापना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर इस मेले में पवेलियन में लगने वाले स्थानीय उत्पादों के स्टॉल शुल्क को सरकार माफ करेगी।

उन्होंने बताया कि:

  • हथकरघा बुनकरों और अन्य उत्पाद धारकों ने पवेलियन में 1 करोड़ रुपये की बिक्री की

  • 2.50 करोड़ के ऑर्डर प्राप्त किए

  • उम्मीद है कि बिक्री का आंकड़ा 2.50 करोड़ से अधिक हो जाएगा

औद्योगिक विकास और निवेश को गति

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएँ राज्य को नया आयाम दे रही हैं:

  • दिल्ली–देहरादून एलिवेटेड रोड

  • ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल परियोजना

  • भारतमाला व पर्वतमाला परियोजना

  • ऑल-वेदर रोड

  • उड़ान योजना

उन्होंने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के तहत प्राप्त 3.56 लाख करोड़ के निवेश समझौतों में से
लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावों को जमीन पर उतार दिया गया है।

आजीविका और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती

सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों से स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष लाभ:

  • एक जनपद–दो उत्पाद

  • हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड

  • स्टेट मिलेट मिशन

  • फार्म मशीनरी बैंक

  • एप्पल मिशन

  • नई पर्यटन नीति

  • नई फिल्म नीति

  • होमस्टे व “वेड इन उत्तराखंड”

  • सौर स्वरोजगार योजना

इन पहलों ने राज्य में स्वरोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किया है।

राष्ट्रीय स्तर पर मिली बड़ी उपलब्धियाँ

  • नीति आयोग के 2023–24 सतत विकास लक्ष्य इंडेक्स में उत्तराखंड प्रथम स्थान

  • ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में Achievers Category

  • स्टार्टअप रैंकिंग में Leaders Category

देवभूमि की पहचान सुरक्षित रखने के लिए कड़े कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में:

  • सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून

  • दंगा विरोधी कानून

  • ऑपरेशन कालनेमी

  • 10 हजार एकड़ भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करना

  • मदरसा बोर्ड को समाप्त करने का निर्णय

  • देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून

इन सभी कदमों से शासन और प्रशासन को नई दिशा मिली है।

उन्होंने बताया कि पिछले साढ़े चार वर्षों में:

  • 26,000 युवाओं को सरकारी नौकरी

  • 200 से अधिक भ्रष्टाचार मामलों में कार्रवाई

हुई है।

आह्वान — “स्वदेशी अपनाएँ, देश को मजबूत बनाएँ”

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पादों का उपयोग कर हम
कारीगरों, किसानों, उद्यमियों को मजबूत बना सकते हैं और
आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति दे सकते हैं।

Author

uttarakhandinsight18@gmail.com

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