हरिद्वार को छोड़कर अन्य जिलों में जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी और सहायक विकास अधिकारी पंचायत संभालेंगे कमान
देहरादून, [10 जून 2025]: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एक बार फिर टल गए हैं। राज्य सरकार ने हरिद्वार जिले को छोड़कर शेष सभी जिलों में जिला पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और ग्राम पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति कर दी है। इन नियुक्तियों के संबंध में शासन ने आदेश जारी कर दिया है, जिससे चुनावी सरगर्मियों पर फिलहाल विराम लग गया है।
जारी आदेश के अनुसार, जिला पंचायतों में जिलाधिकारी, क्षेत्र पंचायतों में उप जिलाधिकारी और ग्राम पंचायतों में संबंधित विकासखंड में तैनात सहायक विकास अधिकारी पंचायत को प्रशासक नियुक्त किया गया है।
क्यों टले चुनाव?
शासन ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि ग्राम पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल 27 मई 2025, क्षेत्र पंचायतों का 29 मई 2025 और जिला पंचायतों का 1 जून 2025 को समाप्त हो चुका था। “अति अपरिहार्य परिस्थितियों” के कारण इन प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव नहीं कराए जा सके।
कब तक रहेगा प्रशासकों का कार्यकाल?
कार्यहित और जनहित को ध्यान में रखते हुए, नई पंचायतों का गठन होने तक या फिर 31 जुलाई 2025 तक, जो भी पहले हो, पंचायतों की प्रशासनिक व्यवस्था के संचालन के लिए प्रशासकों की नियुक्ति की गई है। विभागीय सचिव चंद्रेश कुमार ने अपने आदेश में यह भी कहा कि हरिद्वार को छोड़कर प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किए जाने संबंधी पूर्व में जारी अधिसूचनाओं की शेष शर्तें यथावत रहेंगी।
इतनी सीटों पर हुई प्रशासकों की नियुक्ति
हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश की 2941 क्षेत्र पंचायतों, 12 जिला पंचायत अध्यक्ष पदों और 7478 ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किए गए हैं।
इन सीटों पर होने हैं चुनाव
नए परिसीमन के बाद, हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों में कुल 7514 ग्राम पंचायतों, 2936 क्षेत्र पंचायतों, 343 जिला पंचायतों और 55640 ग्राम वार्डों में चुनाव होने हैं। इन चुनावों का इंतजार अब 31 जुलाई 2025 तक या उससे पहले नई पंचायतों के गठन तक जारी रहेगा।
