नई दिल्ली, 27 मई 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह में उत्तराखंड की तीन विभूतियों को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। यह सम्मान सामाजिक कार्य और साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया।
राधा भट्ट – समाज सेवा में अद्वितीय योगदान
उत्तराखंड की प्रख्यात समाज सेविका राधा भट्ट को सामाजिक कार्य के क्षेत्र में पद्मश्री से नवाजा गया। वे मात्र 16 वर्ष की आयु में सरला बेन के आश्रम से जुड़ गई थीं और तब से ही महिलाओं और बच्चों के उत्थान में जुटी हैं। उन्होंने:
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बेरीनाग ग्राम स्वराज्य मंडल की स्थापना की,
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ग्रामीण महिलाओं के लिए स्वावलंबन व सशक्तिकरण कार्यक्रम चलाए,
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1975 के चिपको आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।
राधा भट्ट को पहले भी जमनालाल बजाज पुरस्कार, इंदिरा प्रियदर्शिनी पर्यावरण पुरस्कार, गोदावरी पुरस्कार, मुनि संतबल पुरस्कार और स्वामी राम मानवतावादी पुरस्कार जैसे कई सम्मान मिल चुके हैं।
ह्यूग गैंट्ज़र – यात्रा साहित्य के पुरोधा
ह्यूग गैंट्ज़र, भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त कमांडर और सुप्रसिद्ध यात्रा-वृत्तांत लेखक को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
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नौसेना सेवा से निवृत्त होकर उन्होंने अपनी पत्नी कोलीन गैंट्ज़र के साथ यात्रा लेखन में नई शैली की नींव रखी।
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उन्होंने 3000 से अधिक लेख, कॉलम और फीचर प्रकाशित किए।
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30 से अधिक पुस्तकें लिखीं, जिनमें भारत के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों का समृद्ध वर्णन है।
स्व. कोलीन गैंट्ज़र (मरणोपरांत) – सहयात्री और सहलेखिका
ह्यूग गैंट्ज़र की पत्नी और यात्रा लेखन में उनकी सहभागी स्वर्गीय कोलीन गैंट्ज़र को मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उन्होंने न केवल लेखन में योगदान दिया, बल्कि भारतीय पर्यटन साहित्य को लोकप्रिय, सुलभ और रोचक बनाया।
