देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में लगातार CBI जांच की मांग कर रहे युवाओं को बड़ी राहत मिली है। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक परेड ग्राउंड धरना स्थल पर पहुंचे और CBI जांच की संस्तुति करने की घोषणा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि आंदोलन के दौरान युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे।
सीएम ने कहा कि हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में SIT जांच पहले से चल रही है और रिपोर्ट भी जल्द आएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा रद्द भी की जा सकती है। साथ ही युवाओं से भावुक अपील करते हुए कहा कि “आप त्योहारी सीजन में इतनी गर्मी में आंदोलन कर रहे थे, इसका दर्द मैं भी महसूस कर रहा था। सरकार की मंशा पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने की है।”
📌 मामले की पृष्ठभूमि
21 सितंबर को हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा के दौरान हरिद्वार के एक केंद्र से प्रश्नपत्र के तीन पन्ने वायरल हो गए थे। इसके बाद अभ्यर्थियों ने CBI जांच की मांग करते हुए परेड ग्राउंड में धरना शुरू किया था। इस परीक्षा में 416 पदों के लिए 1,05,803 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था।
👉 मुख्यमंत्री की प्रमुख घोषणाएं
परीक्षा प्रकरण की CBI जांच की जाएगी।
SIT रिपोर्ट जल्द आएगी, रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा रद्द भी हो सकती है।
आंदोलन के दौरान युवाओं पर दर्ज सभी मुकदमे वापस होंगे।
📌 धरना स्थगित
सीएम धामी की घोषणा के बाद आंदोलनरत युवाओं ने आठवें दिन धरना स्थगित करने की घोषणा की। संघ अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि फिलहाल आंदोलन रोका गया है, आगे की रणनीति SIT और CBI जांच की प्रगति पर निर्भर करेगी।
